परिचय
हमारे शरीर में खून की तीन मुख्य कोशिकाएं होती हैं — लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs), श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBCs) और प्लेटलेट्स (Platelets)। प्लेटलेट्स खून के थक्के बनाने में सहायक होती हैं। जब शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य से कम हो जाती है, तो खून बहने की समस्या, थकान और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। प्लेटलेट्स की संख्या सामान्यतः 1.5 लाख से 4.5 लाख प्रति माइक्रोलिटर तक होती है। जब यह संख्या इससे नीचे गिरती है, तो इसे “थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया” कहा जाता है।
प्लेटलेट्स कम होने के कारण
- डेंगू और मलेरिया जैसे संक्रमण
डेंगू और मलेरिया जैसे वायरल बुखार से शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो जाती है। डेंगू में तो प्लेटलेट्स गिरना एक सामान्य बात है। - वायरल संक्रमण
हेपेटाइटिस, एचआईवी और अन्य वायरस संक्रमण प्लेटलेट्स को नष्ट कर सकते हैं। - ऑटोइम्यून रोग और प्लेटलेट्स की कमी
- कुछ मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) भ्रमित हो जाती है और अपने ही स्वस्थ प्लेटलेट्स को विदेशी तत्व समझकर नष्ट करने लगती है। इस स्थिति को ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया कहा जाता है।
- इस प्रकार की बीमारी को ITP (Idiopathic Thrombocytopenic Purpura) कहते हैं। इसमें:
- प्लेटलेट्स बनते तो हैं, लेकिन शरीर उन्हें लंबे समय तक टिकने नहीं देता।
- रोगी के खून में प्लेटलेट्स की संख्या लगातार घटती जाती है।
- यह स्थिति बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है।
- आईटीपी के लक्षणों में शामिल हैं:
- शरीर पर अचानक नीले निशान बन जाना
- नाक या मसूड़ों से खून आना
- थकान और कमजोरी
- महिलाओं में अनियमित और अधिक मासिक रक्तस्राव
- इस स्थिति में उपचार में स्टेरॉयड दवाएं, इम्यूनोथेरेपी, और कभी-कभी स्प्लीन (तिल्ली) को निकालने की सर्जरी भी शामिल हो सकती है।
- दवाओं का दुष्प्रभाव
कुछ दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स या केमोथेरेपी प्लेटलेट्स पर असर डालती हैं। - बोन मैरो की समस्या
हड्डियों के गूदे में प्लेटलेट्स बनते हैं। अगर बोन मैरो में कोई रोग हो जैसे कैंसर, तो प्लेटलेट्स की संख्या घट सकती है।
लक्षण (Symptoms)
शरीर में प्लेटलेट्स कम होने के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- शरीर पर नीले या बैंगनी रंग के निशान (Bruises) बिना चोट के
- नाक से खून आना
- मसूड़ों से खून आना
- शरीर पर लाल-लाल चकत्ते (Petechiae)
- थकान और कमजोरी
- अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव
- घाव भरने में देर लगना
अगर ऐसे लक्षण लगातार दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या करें जब प्लेटलेट्स कम हो जाएं?
- डॉक्टर से जांच कराएं
सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें और खून की जांच (CBC – Complete Blood Count) कराएं। यह पता चलेगा कि प्लेटलेट्स कितने कम हैं और किस कारण से घट रहे हैं। - संक्रमण का इलाज करें
अगर डेंगू या मलेरिया के कारण प्लेटलेट्स घटे हैं, तो उनका सही इलाज जरूरी है। संक्रमण खत्म होने के साथ प्लेटलेट्स सामान्य हो सकते हैं। - दवाओं का सेवन सावधानी से करें
डॉक्टर के बिना सलाह के कोई भी दवा न लें। कई बार सामान्य दवाएं भी प्लेटलेट्स पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। - खून चढ़वाना (Platelet Transfusion)
जब प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाएं (जैसे 20,000 से नीचे), तो डॉक्टर प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह देते हैं। यह आपात स्थिति में किया जाता है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू और प्राकृतिक उपाय
अगर प्लेटलेट्स थोड़े कम हैं और स्थिति गंभीर नहीं है, तो आप कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते हैं:
1. पपीते के पत्ते का रस
पपीते के पत्तों का रस डेंगू और प्लेटलेट्स की कमी में बहुत उपयोगी माना जाता है। यह प्लेटलेट्स को जल्दी बढ़ाने में सहायक होता है।
2. गिलोय का रस
गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकती है।
3. अनार का रस
अनार में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो खून की गुणवत्ता सुधारते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या में मदद करते हैं।
4. अदरक और हल्दी
हल्दी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में यह खून को पतला कर सकती है। इसलिए सीमित मात्रा में सेवन करें।
5. कीवी और पपीता जैसे फल
विटामिन C और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर फल प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं।
क्या न करें जब प्लेटलेट्स कम हों
- भारी व्यायाम या कठिन शारीरिक कार्य न करें, क्योंकि इससे अंदरुनी रक्तस्राव हो सकता है।
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं जैसे एस्पिरिन या पेन किलर्स न लें।
- अधिक मसालेदार और तेलीय भोजन से बचें।
- चोट लगने से बचें क्योंकि प्लेटलेट्स कम होने पर रक्त बहना रुकता नहीं है।
बचाव के उपाय
- मच्छरों से बचाव करें ताकि डेंगू व मलेरिया से दूर रह सकें।
- संतुलित और पोषक आहार लें।
- नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं।
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
निष्कर्ष
प्लेटलेट्स की संख्या में कमी एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही जानकारी, समय पर जांच और उचित देखभाल से इसे रोका और ठीक किया जा सकता है। घरेलू उपायों के साथ-साथ मेडिकल उपचार जरूरी है। जब प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाएं, तो आत्म-चिकित्सा की बजाय डॉक्टर से सलाह लेना सबसे बुद्धिमानी भरा कदम होता है।